आरम्भिक मुस्लिम आक्रमण

आरम्भिक मुस्लिम आक्रमण आरम्भिक मुस्लिम आक्रमण इन आक्रमणों की शुरुआत 1001 ई. में महमूद गजनवी के आक्रमण से हुई। उसने 1001 ई. से 1027 ई. तक 17 बार भारत पर आक्रमण किया। भारत के हरियाणा क्षेत्र (दिल्ली, हाँसी सहित) पर महमूद गजनवी आक्रमण के पश्चात् तोमरों को हराकर चौहानों ने अपनी सत्ता कायम की। वह …

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तराईन की लड़ाईयां

तराईन की लड़ाईयां तराईन की लड़ाईयां: अफगानिस्तान में महमूद के उत्तराधिकारी कमजोर तथा अयोग्य साबित हुए इस स्थिति का लाभ उठा कर कई सुबेदार स्वतंत्र हो गए।  इनमें गौर प्रदेश का सुबेदार भी शामिल है। भारत में भी हांसी, थानेसर, सिंध आदि पर दिल्ली के हिंदू राजाओं का कब्जा हो गया।  इतने में 1173 ई० …

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ईस्ट इण्डिया कम्पनी के विरुद्ध प्रमुख विद्रोह

ईस्ट इण्डिया कम्पनी के विरुद्ध प्रमुख विद्रोह | Major revolt against the East India Company वर्ष  विद्रोह नेतृत्वकर्ता 1814 जीन्द का विद्रोह प्रताप सिंह 1818 छछरौली का विद्रोह जोधा सिंह 1818 रानियां का विद्रोह जाबित खाँ 1824 किसान विद्रोह सूरजमल 1835 बनावली विद्रोह गुलाब सिंह 1843 कैथल विद्रोह गुलाब सिंह, साहिब कौर 1845 लाडवा का …

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हरियाणा

हरियाणा का उदय

हरियाणा का उदय पृथक् राज्य की माँग ब्रिटिश सरकार ने 1857 के विद्रोह के बाद 1858 ई. में हरियाणा राज्य का अधिकांश भाग पंजाब प्रान्त में शामिल कर दिया। पृथक् हरियाणा राज्य के लिए वर्ष 1907 से माँग प्रारम्भ हो गई थी। इस माँग का भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन के प्रमुख नेता लाला लाजपत राय व …

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1857 ई. की क्रान्ति के बाद हरियाणा की देशी रियासतें

1857 ई. की क्रान्ति के बाद हरियाणा की देशी रियासतें लोहारु रियासत वर्ष 1935 में लोहारु रियासत के शासक अमीनुद्दीन अहमद के कुशासन के खिलाफ प्रबल विरोध प्रदर्शन किया गया। 8 अगस्त, 1935 में नवाब अमीरुद्दीन ने सिंहाणी नामक गाँव में शान्तिपूर्ण जुलूस प्रदर्शन पर गोलियाँ चलवा दीं, जिसमें अनेक लोग मारे गए। इस घटना …

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1857 की क्रान्ति में रियासतों की भूमिका

1857 की क्रान्ति में रियासतों की भूमिका 1857 की क्रान्ति में रियासतों की भूमिका सन् 1857 की क्रान्ति के असफल होने में सभी रियासतों का सहयोग न मिलना तथा शस्त्रों के अभाव के साथ-साथ अकुशल नेतृत्व को कारण माना जा सकता है।  क्रान्ति के समय हरियाणा में मुख्यतः दो प्रकार की रियासतें थीं- (i) विद्रोह …

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गुर्जर-प्रतिहार और तोमर वंश

गुर्जर-प्रतिहार हरियाणा के सिरसा जिले के जोधका नामक स्थान से प्राप्त एक अभिलेख से ज्ञात होता है कि प्रतिहारों का हरियाणा में आधिपत्य स्थापित था । प्रतिहार शासक वत्सराज ने गल्ल नाम के तोमर सरदार को यहाँ का विशेष प्रशासक बनाया था, परन्तु राष्ट्रकूट शासकों के बढ़ते प्रभाव के समक्ष वत्सराज अधिक दिनों तक सत्ता …

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हरियाणा में आर्य समाज

हरियाणा में आर्य समाज हरियाणा में आर्य समाज सामाजिक एवं राजनीतिक स्तर पर हरियाणा में नवीन चेतना को जागृत करने का श्रेय आर्य समाज को दिया जाता है। इसकी स्थापना 1875 ई. में स्वामी दयानन्द सरस्वती ने की थी। हरियाणा में महर्षि दयानन्द प्रथम बार अम्बाला शहर में 17 जुलाई, 1878 को तथा दूसरी बार …

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स्वतंत्रता संग्राम के महायोद्धा

स्वतन्त्रता संग्राम के महायोद्धा नाहर सिंह ये 1829 ई. में बल्लभगढ़ रियासत के प्रशासक बने। इन्हें बल्लभगढ़ का शेर भी कहा जाता है। इन्होंने दिल्ली सम्राट बहादुरशाह जफर से मित्रता करके दिल्ली में अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोह में भाग लिया था। 23 सितम्बर, 1857 को अंग्रेज अधिकारी शावर्ज ने नाहरसिंह को घुड़साल में कैद कर …

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1946 का चुनाव व स्वतंत्रता प्राप्ति

1946 का चुनाव व स्वतंत्रता प्राप्ति वर्ष 1946 के चुनाव से पूर्व ही पंजाब और हरियाणा की यूनियनिस्ट पार्टी कमजोर हो गई थी। परिणामस्वरूप इस वर्ष हुए चुनाव में मुस्लिम लीग को 75, कांग्रेस को 51, अकाली दल को 22 तथा यूनियनिस्ट पार्टी को मात्र 20 सीटें मिलीं। निर्दलीय उम्मीदवार 7 स्थानों पर विजयी हुए। …

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HSSC CET ADMIT CARD जिला परिचय : सिरसा | हरियाणा GK जिला परिचय : हिसार