NGOs Role in Disaster Management | आपदा प्रबंधन में NGOs की भूमिका | हरियाणा CET

NGOs Role in Disaster Management | आपदा प्रबंधन में NGOs की भूमिका

गैर सरकारी संगठन (NGOs) आपदा प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उनकी भागीदारी आपदाओं की तैयारी और प्रतिक्रिया में सरकारों और अन्य हितधारकों के प्रयासों की पूरक है। आपदा प्रबंधन में गैर सरकारी संगठनों की कुछ प्रमुख भूमिकाएं यहां दी गई हैं:

  1. तैयारी और योजना: गैर सरकारी संगठन सामुदायिक स्तर पर योजनाओं को विकसित और कार्यान्वित करके आपदा तैयारियों में योगदान करते हैं। वे जोखिम आकलन करते हैं, प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली बनाते हैं, और समुदायों को आपदा तैयारी उपायों पर शिक्षित करते हैं, जैसे निकासी प्रक्रियाएं, प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षण और आपदा अभ्यास।
  2. आपातकालीन प्रतिक्रिया: गैर सरकारी संगठनों ने अक्सर आपातकालीन प्रतिक्रिया में नेटवर्क और विशेषज्ञता स्थापित की है। वे आपदाओं के दौरान और बाद में तत्काल सहायता प्रदान करते हैं, जिसमें खोज और बचाव अभियान, राहत आपूर्ति (भोजन, पानी, आश्रय, चिकित्सा सहायता) का वितरण, और अस्थायी आश्रय और चिकित्सा सुविधाएं स्थापित करना शामिल है।
  3. समन्वय और संचार: गैर सरकारी संगठन सरकारी एजेंसियों, अन्य गैर सरकारी संगठनों और स्थानीय समुदायों सहित आपदा प्रबंधन में शामिल विभिन्न हितधारकों के बीच समन्वय की सुविधा प्रदान करते हैं। वे विभिन्न अभिनेताओं के बीच प्रभावी संचार, संसाधन साझाकरण और सहयोग सुनिश्चित करने के लिए एक पुल के रूप में कार्य करते हैं, जिससे समग्र प्रतिक्रिया प्रयासों में वृद्धि होती है।
  4. क्षमता निर्माण: गैर सरकारी संगठन आपदाओं का बेहतर जवाब देने के लिए समुदायों और स्थानीय संगठनों को सशक्त बनाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम और क्षमता निर्माण पहल आयोजित करते हैं। वे प्राथमिक चिकित्सा, आपदा जोखिम में कमी, सामुदायिक आयोजन और टिकाऊ वसूली प्रथाओं जैसे क्षेत्रों में ज्ञान और कौशल प्रदान करते हैं।
  5. वकालत और नीति जुड़ाव: गैर सरकारी संगठन उन नीतियों और प्रथाओं की वकालत करते हैं जो आपदा जोखिम में कमी और लचीलापन को प्राथमिकता देते हैं। वे नीतिगत निर्णयों को प्रभावित करने, सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देने और यह सुनिश्चित करने के लिए सरकारों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ संलग्न हैं कि आपदा प्रबंधन ढांचे में प्रभावित आबादी की जरूरतों और कमजोरियों को संबोधित किया जाता है।
  6. मनोसामाजिक सहायता और पुनर्वास: गैर सरकारी संगठन आपदाओं से प्रभावित व्यक्तियों और समुदायों को मनोसामाजिक सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे परामर्श सेवाएं, आघात उपचार कार्यक्रम और भावनात्मक कल्याण के लिए समर्थन प्रदान करते हैं। गैर सरकारी संगठन दीर्घकालिक पुनर्वास और पुनर्निर्माण प्रयासों में भी योगदान देते हैं, आजीविका बहाल करने, बुनियादी ढांचे के पुनर्निर्माण और सामुदायिक लचीलापन को बढ़ावा देने की दिशा में काम करते हैं।
  7. अनुसंधान और नवाचार: गैर सरकारी संगठन आपदा प्रबंधन रणनीतियों और प्रथाओं में सुधार के लिए अनुसंधान और नवाचार में संलग्न हैं। वे जोखिम मूल्यांकन, प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली और कुशल प्रतिक्रिया तंत्र के लिए नई प्रौद्योगिकियों, उपकरणों और पद्धतियों को विकसित करने के लिए शैक्षणिक संस्थानों, विशेषज्ञों और अन्य हितधारकों के साथ सहयोग करते हैं।
  8. कमजोर समूहों के लिए वकालत: गैर सरकारी संगठन आपदा प्रबंधन में महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों और विकलांग लोगों जैसे कमजोर और हाशिए वाले समूहों की जरूरतों को प्राथमिकता देते हैं। वे यह सुनिश्चित करने की दिशा में काम करते हैं कि इन समूहों को आपदाओं के दौरान और बाद में राहत सेवाओं, सुरक्षा और समर्थन तक समान पहुंच हो।

कुल मिलाकर, गैर सरकारी संगठन आपदा प्रबंधन के लिए कौशल, संसाधन और समुदाय-उन्मुख दृष्टिकोण की एक श्रृंखला लाते हैं। उनके योगदान आपदा प्रतिक्रिया और वसूली प्रयासों की प्रभावशीलता, समावेशिता और स्थिरता को बढ़ाते हैं।

 


भारत में आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में कई NGOs (गैर-सरकारी संगठन) सक्रिय रूप से कार्यरत हैं। कुछ प्रमुख NGOs इस प्रकार हैं:

  1. गूंज (Goonj)
  2. एक्शनएड इंडिया (ActionAid India)
  3. ऑक्सफैम इंडिया (Oxfam India)
  4. केयर इंडिया (CARE India)
  5. सेव द चिल्ड्रेन इंडिया (Save the Children India)
  6. हेल्पएज इंडिया (HelpAge India)
  7. सीड्स इंडिया (SEEDS India)
  8. प्रथम मुंबई एजुकेशन इनिशिएटिव (Pratham Mumbai Education Initiative)
  9. वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया (Wildlife Trust of India)
  10. इंडियन रेड क्रॉस सोसायटी (Indian Red Cross Society)
  11. सुलभ इंटरनेशनल (Sulabh International)
  12. स्वयं शिक्षण प्रयोग (Swayam Shikshan Prayog – SSP)
  13. सेंटर फॉर सोशल रिसर्च (Centre for Social Research – CSR)
  14. प्रयास (पीपल्स रिस्पॉन्स इन एकेडेमिक एंड सोशल सर्विसेज – Prayas)
  15. ग्राम विकास (Gram Vikas)
  16. सीड्स (सस्टेनेबल एनवायरनमेंट एंड इकोलॉजिकल डेवलपमेंट सोसायटी – SEEDS)
  17. तरुण भारत संघ (Tarun Bharat Sangh)
  18. चाइल्डफंड इंडिया (ChildFund India)
  19. प्रज्ञा (Pragya)
  20. हैंड इन हैंड इंडिया (Hand in Hand India)

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