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हरियाणा में राष्ट्रीय स्वतंत्रता आन्दोलन एवं कांग्रेस

हरियाणा में राष्ट्रीय स्वतंत्रता आन्दोलन एवं कांग्रेस

  • 1885 ई. में कांग्रेस की स्थापना के समय शामिल हुए 72 प्रतिनिधियों में हरियाणा के अम्बाला से लाला मुरलीधर (ग्रैण्ड ओल्ड मैन ऑफ पंजाब ) ने प्रतिनिधित्व किया। कांग्रेस के दूसरे अधिवेशन में झज्जर से पण्डित दीनदयाल शर्मा तथा रोहतक से बाबू बालमुकुन्द ने गुप्त ने भाग लिया था।
  • सन् 1888 में कांग्रेस के इलाहाबाद अधिवेशन में ‘पंजाब केसरी’ लाला लाजपत राय हिसार कांग्रेस के प्रतिनिधि बनकर गए। लाला लाजपत राय की राजनीतिक एवं सामाजिक गतिविधियों का प्रमुख केन्द्र हिसार था ।
  • हरियाणा में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पहली जनसभा 12 अक्टूबर, 1888 को रोहतक में आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता तुर्बीज खाँ द्वारा की गई तथा इसके प्रमुख वक्ता लाला लाजपत राय थे।
  • मई, 1907 में पंजाब के उप-राज्यपाल डेनिजिल इबेटसन ने लॉर्ड मिण्टो के निर्देश पर लाला लाजपत राय को देश निकाला देकर बर्मा की माण्डले जेल भेज दिया, परन्तु भारी जन दबाव के चलते नवम्बर, 1907 में उन्हें जेल से छोड़ना पड़ा।

लाला लाजपत राय का प्रभाव

  • लाला लाजपत राय 1884 ई. में अपने पिता के साथ रोहतक आए, यहाँ उनके पिता शिक्षक थे।
  • 1888 ई. में इलाहाबाद (प्रयाग राज ) में आयोजित कांग्रेस के अधिवेशन में लाला लाजपत राय ने हिसार कांग्रेस के प्रतिनिधि के रूप में प्रथम बार भाग लिया।
  • इन्होंने बाबू चूड़ामणि और गौरीशंकर के साथ बम्बई में 1889 ई. के कांग्रेस अधिवेशन में भी भाग लिया।
  • लाला लाजपत राय को आर्य समाज हिसार (1886 ई.) के संस्थापक के रूप में भी याद किया जाता है।
  • मई, 1907 में पंजाब के उप-राज्यपाल डेनिजिल इबेटसन ने लॉर्ड मिण्टो के निर्देश पर लाला लाजपत राय को देश निकाला देकर बर्मा की माण्डले जेल भेज दिया। भारी जन दबाव के चलते नवम्बर, 1907 में उन्हें जेल से छोड़ना पड़ा।

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