प्रथम एवं द्वितीय विश्वयुद्ध में हरियाणा
प्रथम विश्वयुद्ध
- हरियाणा प्रथम विश्वयुद्ध के समय मुख्य भर्ती क्षेत्रों में से एक था, इसलिए इसका स्थान विशिष्ट था।
- पंजाब क्षेत्र से युद्ध के दौरान वीर सेना प्रदान करने के कारण सरकार ने उपहारस्वरूप शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों को नई विधानपरिषद में दोनों क्षेत्रों की जनसंख्या के आधार पर पृथक प्रतिनिधित्व प्रदान किया था।
- इसका विरोध रोहतक के लालचन्द ने किया।
- ‘रायबहादुर अन्ततः सरफज्ले हुसैन, लाला हरकिशन लाल व चौधरी लालचन्द के मध्य राजनीति चलती रही।
- हरियाणा में पं. नेकीराम शर्मा ने प्रथम विश्वयुद्ध के समय भारत में अंग्रेजों द्वारा सैन्य भर्ती अभियान का विरोध किया था
द्वितीय विश्वयुद्ध
- द्वितीय विश्वयुद्ध के प्रारम्भ होने से अचानक परिस्थितियाँ बदल गईं, क्योंकि पंजाब ने इंग्लैण्ड का पक्ष ले लिया था।
- ब्रिटिश सरकार द्वारा देश को युद्ध का भागीदार बनाने के सम्बन्ध में कोई विचार-विमर्श नहीं किया गया।
- यूनियनिस्ट मन्त्रालय का नाम बदलकर मुस्लिम लीग रखने के मुद्दे पर सर छोटूराम व जिन्ना के मध्य सीधा संघर्ष हुआ।
हरियाणा का इतिहास – Link
प्रथम विश्व युद्द पर BBC की रिपोर्ट – यहाँ पढ़े