हरियाणा एवं मुगल साम्राज्य

हरियाणा एवं मुगल साम्राज्य

मुगल साम्राज्य (1526-1707 ई.)

  • मुगल वंश की स्थापना बाबर द्वारा की गई थी। वह मध्य एशिया के फरगना का निवासी था। बाबर ने 1526 ई. में हरियाणा पर आक्रमण किया था।
  • इस आक्रमण के समय हिसार – फिरोजा के शिकदार हमीद खाँ ने भी बाबर की सेनाओं का सामना किया, किन्तु वह असफल रहा। बाबर के आगमन के समय तावडू (वर्तमान रेवाड़ी में ) परगने का शासक जलाल खाँ था।

बाबर एवं पानीपत का प्रथम युद्ध

  • 21 अप्रैल, 1526 को पानीपत के मैदान में पानीपत का प्रथम युद्ध हुआ, जिसमें बाबर द्वारा इब्राहिम लोदी की पराजय के बाद मुगलों ने केवल हरियाणा पर ही नहीं, बल्कि पूरे भारत पर अधिकार कर लिया।
  • पानीपत के प्रथम युद्ध में बाबर ने पहली बार तुगलुमा युद्ध नीति एवं तोपखाने का प्रयोग किया था।
  • पानीपत के प्रथम युद्ध में दिल्ली सल्तनत का अन्तिम सुल्तान इब्राहिम लोदी सम्भवतः मध्यकाल का पहला ऐसा शासक था, जिसे युद्ध स्थल में मार दिया गया था।

बाबर और हरियाणा क्षेत्र

  • नवम्बर, 1526 में बाबर ने हिसार-फिरोजा के समीप अफगान नेता हमीद खाँ सारंगवानी के विद्रोह को दबाने हेतु तैमूर सुल्तान (चगताई), अहमद परवानची, अबुल फतह तुर्कमान, मलिक दादकरारनी तथा मुल्तान के मुजाहिद खाँ को नियुक्त किया था।
  • मेवात में बाबर के खिलाफ हसन खाँ मेवाती एक विद्रोही नेता था । 17 मार्च, 1527 को वीर मेवाती योद्धाओं के साथ बाबर का सामना हुआ।
  • मेवातियों का नेतृत्व हसन खाँ ने किया था। मेवाती युद्ध में पराजित हो गए तथा हसन खाँ मेवाती और उसके योद्धा सभी रणभूमि में मारे गए।
  • खानवा युद्धोपरान्त बाबर ने गाजी की उपाधि धारण की थी और अपनी उदारता के लिए कलन्दर की उपाधि ली थी।
  • प्रशासन को व्यवस्थित ढंग से संचालित करने के उद्देश्य से बाबर ने हरियाणा के विजित प्रदेशों को चार सरकारों (जिलों) में विभाजित किया- दिल्ली सरकार, मेवात सरकार, हिसार सरकार एवं सरहिन्द सरकार बाबर ने अहसान तैमूर को नारनौल की तथा बुगरा सुल्तान को शमशाबाद की जागीर सौंप दी।
  • बाबर के शासन के अन्तिम वर्षों अर्थात् 1530 ई. में कैथल के मण्ढार राजपूतों ने मोहन सिंह मण्डार (मण्डार रियासत के शासक ) के नेतृत्व में विद्रोह कर दिया।
  • बागी मण्ढार राजपूतों के विद्रोह को दबाने हेतु बाबर ने सरहिन्द के गवर्नर अलीकुली हमदान को भेजा था, जो पराजित हो गया था।
  • बाबर ने पुनः तरसेम बेग और नौरंग बेग के नेतृत्व में सेना भेजी, जिसने मण्डार राजपूतों को हरा दिया था।
  • बाबर की मृत्यु (26 दिसम्बर, 1530) के बाद हुमायूँ शासक बना तथा उसने मेवात की सरकार अपने भाई हिन्दाल को तथा हिसार एवं सरहिन्द कामरान को दिए।
  • 1540 ई. में शेरशाह ने हुमायूँ को युद्ध में हरा दिया और दिल्ली पर अफगान शासन स्थापित कर लिया। 
  • शेरशाह एक अफगानी आक्रमणकारी एवं पराक्रमी योद्धा था। 
  • शेरशाह का जन्म नारनौल में हसन खाँ के यहाँ 1486 ई. में हुआ था।
  • शेरशाह एक वीर योद्धा के साथ-साथ कुशाग्र बुद्धि वाला भी था। उसने सम्पूर्ण हरियाणा क्षेत्र को चार सरकारों (दिल्ली, मेवात, हिसार एवं सरहिन्द ) में ही रहने दिया।
  • शेरशाह की मृत्यु के बाद उसका पुत्र इस्लामशाह दिल्ली का शासक हुआ। इसके उत्तराधिकारी असफल रहे, जिसके कारण हुमायूँ ने पुनः 1555 ई. में हरियाणा और दिल्ली पर अपना अधिकार कर लिया।
  • हुमायूँ की मृत्यु 26 जनवरी, 1556 को हुई थी।

हेमचन्द्र (हेमू)

  • मध्यकालीन इतिहास में हेमू अर्थात् हेमचन्द्र एक वीर योद्धा माना जाता था। 
  • हेमू हरियाणा के रेवाड़ी का रहने वाला था। 
  • हेमू आदिलशाह का प्रधानमंत्री था। 
  • आदिलशाह की अयोग्यता एवं असमर्थता के कारण हेमू ने आदिलशाह के सभी अधिकार स्वयं अपने नियन्त्रण में ले लिए।
  • 7 अक्टूबर, 1556 को हेमू ने दिल्ली पर आधिपत्य स्थापित कर, अपने आपको ‘महाराजा विक्रमादित्य’ की उपाधि से विभूषित किया तथा दिल्ली का हिन्दू सम्राट बना

पानीपत का दूसरा युद्ध

  • हेमू और अकबर के बीच 5 नवम्बर, 1556 को पानीपत का दूसरा युद्ध हुआ था। इस युद्ध में हेमू की पराजय हुई थी।
  • इस प्रकार दिल्ली की गद्दी पर बैठने वाला अन्तिम हिन्दू शासक हेमू था।

अकबर

  • अकबर का जन्म अक्टूबर, 1542 में अमरकोट के राणा वीरसाल के महल में हुआ था।
  • अकबर के शासनकाल में सम्पूर्ण राज्य 15 सूबों में विभाजित किया गया।
  • इस समय राज्य में 70 परगने थे तथा 5 सरकारें थीं
    • सरकार-ए-दिल्ली
    • सरकार-ए-रेवाड़ी
    • सरकार-ए-हिसार-फिरोजा
    • सरकार-ए-मेवाती
    • सरकार-ए-हिन्द
  • अकबर के शासनकाल में हरियाणा का बहुत बड़ा भाग दिल्ली सूबे के अन्तर्गत आता था।
  • हरियाणा का रेवाड़ी, हिसार, सरहिन्द और सहारनपुर, दिल्ली सूबे के अन्तर्गत आते थे, जबकि तिजारा, नारनौल एवं सहार, आगरा सूबे के अन्तर्गत आते थे।
  • अकबर ने नई भूमि व्यवस्था जब्ती प्रणाली लागू की, जो केवल 8 सूबों में लागू हुई, जिसमें दिल्ली सूबा भी शामिल था। हरियाणा प्रदेश दिल्ली सूबे के अन्तर्गत ही आता था।

जहाँगीर

  • 1605 ई. में अकबर के निधन के पश्चात् अकबर का पुत्र जहाँगीर मुगल साम्राज्य का शासक बना। जहाँगीर ने हरियाणा में अकबर द्वारा लागू की गई प्रशासनिक प्रणाली को बनाए रखा।
  • जहाँगीर ने हरियाणा में व्यापक स्तर पर जनसुविधाओं का विकास किया। यात्रियों को सुविधा उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से अनेक सराय बनवाए।
  • जहाँगीर के शासनकाल में हरियाणा में आए सभी यात्रियों ने इसे समृद्ध एवं सुशासित प्रदेश बताया। जहाँगीर ने अपने शासन के प्रथम वर्ष में हरियाणा में बड़ी संख्या में वृक्ष लगवाए।
  • जहाँगीर और उसके पुत्र खुसरो के मध्य हरियाणा संघर्ष भैरावल में हुआ था।

शाहजहाँ

  • 1627 ई. में जहाँगीर के निधन के पश्चात् जहाँगीर का पुत्र शाहजहाँ मुगल साम्राज्य का शासक बना। शाहजहाँ के ज्येष्ठ पुत्र दाराशिकोह को हरियाणा प्रदेश से विशेष लगाव था।
  • दाराशिकोह अपना अधिकतर समय फरीदाबाद के समीप पलवल में व्यतीत करता था।
  • पलवल में ही दाराशिकोह के ज्येष्ठ पुत्र सिपहर शिकोह का जन्म हुआ था।
  • मेवात का प्रसिद्ध सरदार फिरोज खां मेवाती निरन्तर दाराशिकोह की सेवा में लगा रहता था।
  • जिस समय दाराशिकोह पलवल में निवास कर रहा था, उस समय उसके पास हिसार-ए-फिरोजा की फौजदारी भी थी।
  • शाहजहाँ ने अपने शासनकाल में कुछ महत्त्वपूर्ण प्रशासनिक परिवर्तन किए थे। शाहजहाँ ने प्रशासन की एक नई इकाई चकला बनाई। कुछ परगनों को आपस में मिलाकर चकला का निर्माण किया गया था।
  • शाहजहाँ के शासनकाल में हिसार चकला का वर्णन मिलता है।
  • उस समय हिसार चकले का हाकिम कृपाराम नामक व्यक्ति को नियुक्त किया गया था।
  • प्रशासनिक सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए शाहजहाँ ने तिजारा और नारनौल की सरकारों को आगरा सूबे से पृथक् कर दिल्ली सूबे में शामिल कर दिया था। 
  •  शाहजहाँ को थानेसर से विशेष लगाव एवं स्नेह था, क्योंकि शाहजहाँ का धर्मगुरु ‘शेख चेहली’ यहाँ निवास करता था।
  • शाहजहाँ का ज्येष्ठ पुत्र दाराशिकोह भी शेख चेहली को अपना गुरु मानता था शेख चेहली के निधन के पश्चात् दाराशिकोह ने थानेसर में शेख चेहली का मकबरा भी बनवाया, जिसे हरियाणा का ताजमहल भी कहा जाता है।

औरंगजेब

  • शाहजहाँ के बाद उसका पुत्र औरंगजेब 1658 ई. दिल्ली का सम्राट बना तथा शाहजहाँ को जेल में डाल दिया। यह धार्मिक रूप से कट्टर था।
  • शासक बनने के बाद औरंगजेब ने हरियाणा के लोगों पर अनेक कर लगा दिए तथा धार्मिक अत्याचार किए।
  • हरियाणा में औरंगजेब को साँवलिया मेव (सानहोला निवासी) के नेतृत्व में मेवों की सेना का सामना करना पड़ा था। साँवलिया मेव औरंगजेब की सेना पर गुरिल्ला आक्रमण करता था।
  • औरंगजेब ने हाथी सिंह बड़गूजर को रेवाड़ी क्षेत्र का प्रशासनिक अधिकारी नियुक्त किया था।

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