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पारिस्थितिकी तंत्र | Ecology | हरियाणा CET – वन लाइनर

पारिस्थितिकी तंत्र | Ecology | हरियाणा CET – वन लाइनर

  • पारिस्थितिकी तंत्र प्रकृति की एक कार्यात्मक इकाई (Functional Unit) के रूप में जानी जाती है। 
  • जीव से जैवमंडल तक जैविक संगठन का सही क्रम है -जनसंख्या → समुदाय → पारिस्थितिक तंत्र → भू-दृश्य
  • स्वपोषी (स्वपोषणज) स्तर पर उत्पादन को प्राथमिक उत्पादकता कहा जाता है।
  • परपोषी (विषम पोषणज) स्तर के उत्पादन के संदर्भ में द्वितीयक उत्पादकता में आता है।
  • एक पारिस्थितिक तंत्र में ऊर्जा की मात्रा एक पोषण स्तर से अन्य स्तर में स्थानांतरण के पश्चात घटती है। 
  • कुछ कारणों वश यदि तितलियों की जाति (स्पीशीज) की संख्या में बड़ी गिरावट होती है तो इसके जो संभावित परिणाम हो सकते हैं, वे हैं -कुछ पौधों के परागण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। इसके कारण बरों, मकड़ियों और पक्षियों की कुछ प्रजातियों की समष्टि में गिरावट हो सकती है।
  • परिस्थितिकी जीव और वातावरण के बीच पारस्परिक संबंधों का अध्ययन है।
  • 10 प्रतिशत नियम ‘ऊर्जा का खाद्य के रूप में एक पोषी स्तर से दूसरे पोषी स्तर तक पहुंचने से’ संबंधित है।
  • पारिस्थितिकी जीव विज्ञान की एक शाखा है जिसमें जीव समुदायों तथा उनके वातावरण के मध्य पारस्परिक संबंधों का अध्ययन करते हैं।
  • अर्नेस्ट हैकल ने Oikologie के नाम से पारिस्थितिकी (Ecology) शब्द का प्रयोग किया 
  • ‘जीवधारियों के कार्बनिक और अकार्बनिक वातावरण और पारस्परिक संबंधों के अध्ययन को पारिस्थितिकी अथवा पारिस्थितिकी-विज्ञान’ कहते है। 
  • सर्वप्रथम ‘पारिस्थितिकी तंत्र’ (Ecosystem) की संकल्पना वर्ष 1935 में ए.जी. टांसले द्वारा प्रस्तावित की गई।
  • कार्ल मोबियस तथा फोर्स ने पारिस्थितिकी तंत्र की विचारधारा को बायोसिनोसिस (Biocoenosis) तथा माइक्रोकॉस्म कहा। 
  • पारिस्थितिक तंत्र के संबंध में सही कथन हैं -पारिस्थितिकी तंत्र किसी निश्चित स्थान-समय इकाई के समस्त जीवों तथा भौतिक पर्यावरण का प्रतिनिधित्व करता है, यह एक कार्यशील इकाई है, इसकी अपनी उत्पादकता होती है।
  • पारितंत्र (ईकोसिस्टम) शब्द का सर्वोत्कृष्ट वर्णन है -जीवों (ऑर्गनिज्म्स) का समुदाय और साथ ही वह पर्यावरण जिसमें वे रहते हैं।
  • किसी क्षेत्र के सभी जीवधारी तथा वातावरण में उपस्थित अजैव घटक संयुक्त रूप से पारितंत्र (Ecosystem) का निर्माण करते हैं।
  • खेत कृत्रिम पारितंत्र है।
  • घास स्थल, वन तथा मरुस्थल स्थलीय पारिस्थितिक तंत्र के उदाहरण हैं।
  • झील, नदियां तथा समुद्र जलीय पारिस्थितिकीय तंत्र में आते हैं।
  • किसी निश्चित क्षेत्र में प्राणियों की संख्या की सीमा, जिसे पर्यावरण समर्थन कर सकता है, वहन क्षमता कहलाती है।
  • बिना पर्यावरण की रुकावट के प्रजनन की क्षमता जैविक विभव (Biotic Potential) कहलाती है। 
  • एक पद, जो केवल जीव द्वारा ग्रहण किए गए दिकस्थान का ही नहीं, बल्कि जीवों के समुदाय में उसकी कार्यात्मक भूमिका का भी वर्णन करता है -पारिस्थितिक कर्मता
  • पृथ्वी के सर्वाधिक क्षेत्र पर सामुद्रिक पारिस्थितिकी तंत्र फैला हुआ है।
  • पृथ्वी पर विद्यमान जलमंडल (Hydrosphere) में समुद्री जल लगभग 97 प्रतिशत भाग होता है। 
  • समुद्री जल में सर्वाधिक व्याप्त लवण सोडियम क्लोराइड है।
  • पारिस्थितिकी संतुलन बनाए रखने में मदद करता है -वनारोपण, वर्षा जल प्रबंधन तथा जैवमंडल भंडार
  • वन्य जीव संरक्षण एवं पर्यावरण में व्याप्त प्रदूषण का निवारण मददगार -पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में
  • भारत में पारिस्थितिक असंतुलन का एक प्रमुख कारण वनोन्मूलन है। 
  • पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) में उच्चतम पोषण स्तर का स्थानसर्वाहारी (Omnivorous) को प्राप्त है। 
  • पारिस्थितिकी निकाय में ऊर्जा का प्राथमिक स्रोत सौर ऊर्जा है।
  • पारितंत्र में खाद्य शृंखलाओं के संदर्भ में जिस प्रकार के जीव अपघटक जीव कहलाते हैं -कवक, जीवाणु
  • अपघटक वे जीव होते हैं, जो अपक्षय या सड़न की प्रक्रिया को तेज करते हैं जिससे पोषक तत्वों का पुनः चक्रीकरण हो सके।
  • निर्जीव कार्बनिक तत्वों को अपघटक अकार्बनिक यौगिकों में तोड़ते हैं।
  • सूक्ष्म जीवों की एक विस्तृत किस्म जैसे फफूंद, जीवाणु, गोलकृमि, प्रोटोजोआ और केंचुआ अपघटकों की भूमिका अदा करते हैं।
  • चींटी तथा हिरण प्राथमिक उपभोक्ता हैं।
  • किसी खाद्य श्रृंखला में मुख्यतः प्राथमिक उपभोक्ता की श्रेणी में आते हैं -शाकाहारी प्राणी
  • अपघटक (decomposer) तथा प्राथमिक उपभोक्ता दोनों की श्रेणी में आती है -चींटी
  • वे जीवधारी जो अपना भोजन प्राथमिक उत्पादकों (हरे पौधों) से प्राप्त करते हैं, प्राथमिक उपभोक्ता कहलाते हैं। 
  • खाद्य श्रृंखला (फूड चेन) में मानव प्राथमिक तथा द्वितीयक उपभोक्ता है।
  • शाक-सब्जियों का सेवन करने पर मनुष्य प्राथमिक उपभोक्ता जबकि मांसभक्षी होने पर द्वितीयक उपभोक्ता की श्रेणी में आएगा। 
  • समुद्री वातावरण में मुख्य प्राथमिक उत्पादक फाइटोप्लैन्कटॉन्स होते हैं।
  • हरे पौधे पारिस्थितिक तंत्र के जैविक घटकों में उत्पादक घटक हैं।
  • हरे पौधे सूर्य के प्रकाश का उपयोग करके प्रकाश संश्लेषण की विधि द्वारा अपना आहार स्वयं निर्मित करते हैं।
  • हरित पादप प्रथम पोषक स्तर के अंतर्गत आते हैं।
  • पौधे हरे रंग के लवक (क्लोरोफिल) की प्रकाश संश्लेषण सहायता से करते हैं।
  • एक घासस्थलीय पारिस्थितिकी तंत्र के खाद्य श्रृंखला में विभिन्न घटकों का सही क्रम है
    -घास (उत्पादक) → टिड्डा (प्राथमिक उपभोक्ता) → मेंढक (द्वितीयक उपभोक्ता) → सर्प(तृतीयक उपभोक्ता)
  • ऐसे पदार्थ जिनके ऑक्सीकरण के पश्चात जीवधारियों को ऊर्जा प्राप्त होती है खाद्य (Food) कहे जाते हैं।
  • जीवों द्वारा ऊर्जा का प्रवाह एकदिशीय (Unidirectional) होता है।
  • घास, बकरी तथा मानव आहार श्रृंखला का निर्माण करते हैं।
  • पारिस्थितिकीय तंत्र के विभिन्न स्तरों के प्रति इकाई क्षेत्र में उपस्थित जीवभार के रेखाचित्रीय निरूपण को जीवभार का पिरामिड कहते हैं।
  • स्थलीय पारिस्थितिकीय तंत्र में जीवभार का पिरामिड सीधा (Upright ) होता है।
  • पारिस्थितिकी तंत्र में DDT का समावेश होने के बाद सांप में उसका संभवतः अधिकतम सांद्रण प्रदर्शित होगा। 
  • जब कुछ प्रदूषक आहार श्रृंखला के साथ सांद्रता में बढ़ते जाते हैं और ऊतकों में जमा हो जाते हैं, तो इस घटना को जैविक आवर्धन (Biomagnification) कहते हैं।
  • DDT जैव अनिम्नीकरणीय (Non biodegradable) प्रदूषक हैं।
  • यूकेलिप्टस पारिस्थितिकी मित्र नहीं है। 
  • यूकेलिप्टस को उसकी अत्यधिक जल ग्रहण शक्ति के कारण पर्यावरण शत्रु घोषित किया गया है। 
  • यूकेलिप्टस वृक्ष पर्यावरणीय संकट माना जाता है।
  • तालाब एवं दलदल ‘लैन्टिक आवास’ का उदाहरण है। 
  • स्थिर जल के आवास लैन्टिक आवास के अंतर्गत आते हैं, इनके उदाहरण हैं -आर्द्रभूमि, तालाब, झील, जलाशय
  • बहते जल के आवास लोटिक (Lotic)आवास कहे जाते हैं, जैसे -नदी
  • दो भिन्न समुदायों के बीच का संक्रान्ति क्षेत्र कहलाता है -इकोटोन
  • सर्वाधिक स्थायी पारिस्थितिक तंत्र है -महासागर
  • सबसे स्थायी पारिस्थितिक तंत्र है -समुद्री
  • पारिस्थितिक तंत्र में तत्त्वों के चक्रण को कहते हैं -जैव भू-रासायनिक चक्र
  • जल चक्र को ओडम (Odum) ने सम्मिलित किया है -गैसीय चक्र में
  • पारिस्थितिकी संतुलन से संबंध नहीं है -औद्योगिक प्रबंधन
  • ‘पारिस्थितिकी स्थायी मितव्ययिता है’-यह जिस आंदोलन का नारा है -चिपको आंदोलन
  • नर्मदा नदी के ऊपर बनाई जा रही बहुउद्देशीय बांध परियोजना को रोकने के लिए चलाया गया आंदोलन है -नर्मदा बचाओ आंदोलन
  • दक्षिण भारत का पर्यावरण संरक्षण से संबंधित आंदोलन है -एपिको आंदोलन
  • ‘चिपको आंदोलन पादप संरक्षण से संबंधित है।
  • पारिस्थितिकी तंत्र से संबंधित प्रमुख कथन हैं -पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम ए.जी. टांसले ने किया था, जो जीव अपना भोजन स्वयं उत्पादित करते हैं, उन्हें स्वपोषित (Autotrops) कहते हैं।
  • पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) शब्द का प्रथम प्रयोग ए.जी. टांसले द्वारा किया गया । 
  • सूक्ष्मजीव जो मृत पौधों, जंतुओं और अन्य जैविक पदार्थों को सड़ा गला कर वियोजित करते हैं, ये वियोजक (Decomposers) कहलाते हैं।
  • पारितंत्रों की घटती उत्पादकता के क्रम में जो अनुक्रम सही है -मैंग्रोव, घासस्थल, झील, महासागर
  • अधिक विविधता वाले पारितंत्र की उत्पादकता भी अधिक होगी। 
  • खाद्य शृंखला उस क्रम का निदर्शन करती है, जिसमें जीवों की एक श्रृंखला एक-दूसरे के आहार द्वारा पोषित होती है।
  • पारिस्थितिकी तंत्र में ऊर्जा का अंतरण क्रमबद्ध स्तरों की एक श्रृंखला में होता है, जिसे खाद्य श्रृंखला कहते हैं। 
  • जैवमंडलीय पारिस्थितिक तंत्र में ऊर्जा का प्रवाह एक दिशी होता है।
  • ऊष्मागतिकी के पहले नियम के अनुसार ऊर्जा का न तो सृजन हो सकता है और न ही उसे नष्ट किया जा सकता है। यह एक स्वरूप से दूसरे स्वरूप में परिवर्तित हो सकती है। 
  • हर पोषण स्तर पर उपलब्ध ऊर्जा की मात्रा घटती जाती है।
  • विभिन्न पारिस्थितिक तंत्रों में उत्पादकों की सकल उत्पादकता का ही शाकाहारियों द्वारा लगभग 10 प्रतिशत भाग ही  स्वांगीकृत हो पाता है।
  • सर्वप्रथम ‘गहन पारिस्थितिकी’ (डीप इकॉलोजी) शब्द का प्रयोग अर्नीज नेस ने किया।
  • पारिस्थितिकी निशे (आला) की संकल्पना को ग्रीनेल ने प्रतिपादित किया था। 
  • भूमंडलीय हेक्टेयर पारिस्थितिकीय पदछाप के माप की इकाई है।
  • एक मनुष्य के जीवन को पूर्ण रूप से धारणीय करने के लिए आवश्यक न्यूनतम भूमि को पारिस्थितिकीय पदछाप कहते हैं।
  • अविवेकशील जीवन शैली जिसमें पारिस्थितिक तंत्र के घटकों यथा जल, ऊर्जा इत्यादि का आवश्यकता से अधिक दोहन किया जाता है, यह पदछाप के आकार को बढ़ा देती है।
  • ‘भारतीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम’ वर्ष 1972 में लागू किया गया।
  • पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, पर्यावरण के संरक्षण एवं सुधार के लिए लागू किया गया -वर्ष 1986 में
  • जनजातियों एवं अन्य पारंपरिक वन निवासियों के (वन अधिकारों को मान्यता) अधिनियम लागू किया गया -दिसंबर, 2006 में
  • वन संरक्षण अधिनियम लागू किया गया -वर्ष 1980 में
  • ‘मिलेनियम इकोसिस्टम एसेसमेंट’ पारिस्थितिक तंत्र की सेवाओं के प्रमुख वर्गों का वर्णन करता है -व्यवस्था, समर्थन, नियंत्रण, संरक्षण और सांस्कृतिक
  • वह जो एक समर्थन सेवा है -पोषक चक्रण और फसल परागण
  • एक साधारण समुद्री आहार श्रृंखला का सही क्रम है-
    -डायटम (स्वपोषी) → क्रस्टेशियाई (शाकाहारी उपभोक्ता) → हेरिंग (मांसाहारी उपभोक्ता)
  • जैव-वानिकी (Bionomics) के संबंध में सही हैं -यह पारिस्थितिकीय का पर्याय (Synonym) है, यह प्राकृतिक तंत्रों के मूल्य पर बल देता है, जो मानव तंत्रों को प्रभावित करते हैं।
  • जैव-वानिकी अर्थात बायोनॉमिक्स शब्द bio तथा nomics शब्दों से मिलकर बना है। bio शब्द का तात्पर्य जीव या जीवन से है जबकि nomics ग्रीक शब्द nomos से व्युत्पन्न है जिसका अर्थ है, नियम (law)| बायोनॉमिक्स शब्द का शाब्दिक अर्थ -जीवन के नियम
  • पिक्नोक्लाइन किसी जल निकाय में घनत्व प्रवणता को दर्शाती है।
  • किसी जल निकाय में लवणता प्रवणता हैलोक्लाइन को प्रदर्शित करती है।
  • किसी जल निकाय में गहराई के साथ तापमान परिवर्तन को थर्मोक्लाइन दर्शाती है।
  • पारितंत्र उत्पादकता के संदर्भ में समुद्री उत्प्रवाह (अपवेलिंग) क्षेत्र इसलिए महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि ये पोषकों को सतह पर लाकर समुद्री उत्पादकता बढ़ाते हैं।
  • वायु प्रवाह द्वारा समुद्र की सतह पर विद्यमान गर्म, पोषकरहित जल को सघन, ठण्डे तथा पोषक तत्वों से परिपूर्ण जल द्वारा स्थानांतरित कर दिया जाता है -समुद्री उत्प्रवाह द्वारा
  • पारिस्थितिक संवेदी क्षेत्र वे क्षेत्र हैं, जिन्हें घोषित किया गया है -पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के तहत
  • पारिस्थितिक संवेदी क्षेत्रों में कृषि को छोड़कर सभी मानव क्रियाओं का निषेध नहीं है, बल्कि कुछ पर प्रतिबंध लगाया गया है और कुछ को विनियमित किया गया है।
  • घासस्थलों में वृक्ष पारिस्थितिक अनुक्रमण के अंश के रूप में जिस कारण घासों को प्रतिस्थापित नहीं करते हैं, वह है -जल की सीमाओं एवं आग के कारण
  • भौतिक वातारण में किसी समुदाय का समय के साथ रूपांतरण ही पारिस्थितिक अनुक्रमण कहलाता है।
  • जैविक अनुक्रमण की प्रावस्थाओं का सही क्रम है -नग्नीकरण, प्रवास, आस्थापन, प्रतिक्रिया, स्थिरीकरण
  • वर्ष 1916 में पौधों की विभिन्न प्रजातियों का अध्ययन किया तथा अनुक्रमण (Succession) की सर्वमान्य परिभाषा दी -एफ. क्लिमेंट (E. Clement) ने
  • वह प्राकृतिक विधि जिसके अंतर्गत एक ही निहित तथा निश्चित स्थान पर एक विशेष समूह, दूसरे समूह द्वारा विस्थापित हो जाता है। -अनुक्रमण

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