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जिला परिचय : कुरुक्षेत्र | हरियाणा GK

जिला परिचय : कुरुक्षेत्र | हरियाणा GK

विषय सूची

आंकड़े :

स्थापना: 23 जनवरी 1973  क्षेत्रफल: 1530 वर्ग किलोमीटर कुल गाँव : 419
पुलिस रेंज, राजस्व मंडल : अम्बाला लिंगानुपात : 888 जनसंख्या : 9.64 लाख
जनसंख्या वृद्धि दर : 16.86% जनसंख्या घनत्व :630 साक्षरता दर : 76.31%
लोकसभा क्षेत्र : कुरुक्षेत्र  विधानसभा क्षेत्र : थानेसर, लाडवा, पेहोवा, शाहबाद (आरक्षित) तहसील : थानेसर, शाहबाद, लाडवा, पेहोवा
खंड/ब्लॉक: थानेसर, शाहबाद, लाडवा, पेहोवा, इस्माइलाबाद, बबैन, पीपली  उपमण्डल:  थानेसर, शाहबाद, पेहोवा उप-तहसील: लाडवा, इस्माइलाबाद, बबैन

जिला स्थिति :

  • उत्तर दिशा में अंबाला
  • उत्तर-पश्चिम दिशा में पटियाला, पंजाब
  • पश्चिम तथा दक्षिण-पश्चिम दिशा में कैथल
  • उत्तर-पूर्व दिशा में यमुनानगर
  • दक्षिण दिशा में करनाल

महत्वपूर्ण बिंदु

अन्य नाम : धर्मनगरी, महाभारत नगरी,श्री कंठ जनपद, City of Parks, गीता नगरी, शर्णयावत

  • पूरे भारत व विश्व में कुरुक्षेत्र महाभारत का युद्धस्थल और श्री मदभगवत गीता की जन्मस्थली रहा है
  • श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश ज्योतिसर सरोवर [सरस्वती नदी किनारे के पास बरगद / वट वृक्ष के नीचे दिया
  • प्रमुख नदी : सरस्वती नदी : ब्रह्मा की पुत्री
  • कुरुक्षेत्र एकमात्र जिला जिसकी अपने नाम से विधानसभा नहीं है : विधानसभा का नाम – थानेसर
  • हरियाणा कुक्कुट रोग जाँच प्रयोगशाला है : थानेसर
  • पेहोवा अभिलेख/ भोजदेव अभिलेख, नौवीं सदी का अभिलेख जानकारी देता है कि पेहोवा प्राचीन काल में घोड़ों के व्यापार का केंद्र रहा है।
  • भगवानपुरा, दौलतपुरा, मिर्जापुर एतिहासिक स्थल है : सिन्धु सभ्यता के
  • चंद्रकूप का निर्माण : युधिष्ठिर
  • कर्ण के किले के अवशेष मिले हैं : थानेसर
  • कुरुक्षेत्र में छोटे बड़े मिलाकार तीर्थ है : 360
  • पेहोवा का प्राचीन नाम पृथुदक
  • राजा हर्षवर्धन ने अपनी राजधानी बनाई : थानेसर
  • बाणभट्ट की प्रसिद्ध पुस्तक हर्षचरित्रम में हरियाणा को श्रीकंठ जनपद कहा है
  • श्रीकंठ जनपद को नाम नागवंश के शासकों ने दिया था
  • प्रसिद्ध चीनी यात्री हवेनसांग की पुस्तक सी-यू-की में थानेसर का वर्णन है
  • पुरुषों की साक्षरता दर 83% महिला साक्षरता दर 68% 
  • साक्षरता की दृष्टि से जिले का राज्य में स्थान : 11वां
  • आलू और शकरकंद (शकरकंदी) के उत्पादन में कुरुक्षेत्र का स्थान : प्रथम
  • प्राचीन काल में कुरुक्षेत्र की धरती 9 नदियों की धरती कहलाती थी
  • प्रमुख फसल : गेहूं धान गन्ना
  • महमूद गजनवी ने थानेसर पर आक्रमण किया 1014 में और उस समय वहां का शासक था जयपाल —
  • आकाशवाणी केंद्र की स्थापना 24.01.1991
  • चिड़ियाघर स्थित है : पीपली में
  • आलू और शकरकंद उत्पादन में प्रथम स्थान
  • तेजाब उत्पादन में अग्रणी जिला
  •  राज्य का पहला वाई फाई हॉटस्पॉट : गांव गुमथला पेहोवा 
  • रत्नावली महोत्सव : कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी : अक्टूबर 2016
  • कर्ण स्टेडियम और अर्जुन स्टेडियम है : कुरुक्षेत्र में
  • हरियाणा इतिहास एवं संस्कृति अकादमी का कार्यालय : गुलजारी लाल नंदा संग्राहलय 
  • गीता जयंती महोत्सव मनाया गया : 10.12.2016 से शुरू [प्रतिवर्ष मनाया जाता है। सा
  • अलबरूनी की पुस्तक “किताब-उल-हिंद” में किसका वर्णन है : ब्रहमसरोवर का
  •  चैतन्य महाप्रभु का संबंध: कुबेर तीर्थ से
  •  एशिया की सबसे बड़ी धर्मशाला : जात धर्मशाला कुरुक्षेत्र
  •  वामन और ब्रह्म पुराण में कुरुक्षेत्र में चार कूपों का वर्णन मिलता है : चन्द्र कूप, विष्णु कूप, देवी कूप, रूद्र कूप ★ मुगल द्धीप के नाम से जाना जाता है : थानेसर
  •  एशिया की दूसरी सबसे बड़ी अनाज मंडी : लाडवा मंडी
  • भगवत पुराण की दो पांडुलिपियाँ कहां रखी गई : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में
  • हर्ष का टीला : थानेसर में [1 किलोमीटर लंबा, 750 मीटर चौड़ा, 15-18 फुट ऊंचाई पर स्थित है ]
  • हर्षवर्धन संस्कृत के प्रसिद्ध विद्वान थे उनकी रचनाएं : नागानंद, रत्नावली, प्रियदर्शिका
  • पर्यटन स्थल : नील कण्ठी कृष्णा डैम यात्री निवास : कुरुक्षेत्र
  • वामन पुराण के अनुसार कुरुक्षेत्र में 7 प्रकार के वन थे जैसे कान्हक/कमोधा वन, सूर्यवन, अदिति
  • देव अर्थ विषम की माता गंगा के पार प्राची देवी में समान करके
  • कुरुक्षेत्र की पौराणिक सीमा 48 कोस मानी जाती है वर्तमान में इन कोसों को फिर से विकसित किया जा रहा है
  • लाडवा का विद्रोह का नेतृत्व : 1845: अजीत सिंह ने किया
  • पहला हरियाणा सर्जन उत्सव का आयोजन किया गया: 25-26 जनवरी 2017 : कुरुक्षेत्र
  • इंटरनेशनल शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल का आयोजन 13 से 16 अप्रैल 2017 : कुरुक्षेत्र
  • पहला व्यक्तिगत संग्राहलय : गुलजारीलाल नंदा संग्राहलय
  • गुलजारीलाल नंदा: लोकसभा सांसद, अध्यक्ष और दो बार कार्यवाहक प्रधानमंत्री रहे हैं इनका सम्बन्ध कुरुक्षेत्र से है
  • पर्यावरण न्यायालय : कुरुक्षेत्र, फरीदाबाद
  • कुरुक्षेत्र की सबसे प्राचीन नगर पालिका : लाडवा (स्थापना 1867)
  • कुरुक्षेत्र में सनातन धर्म की शाखा खुली : 1892
  • शाहबाद में आर्य समाज की शाखा खुली : 1893
  • थानेसर में आर्य समाज की शाखा खुली : 1894
  • लाडवा में आर्य समाज की शाखा खुली : 1900
  • 13 अप्रैल 1912 बैसाखी के दिन हरियाणा के प्रथम आर्य समाज गुरुकुल, कुरुक्षेत्र की नीवं स्वामी श्रद्धानंद ने रखी
  • वशिष्ठिश्वर महादेव मंदिर स्थित है: पेहोवा
  • अरुणाय मंदिर स्थित है : पेहोवा
  • संगमेश्वर महादेव मंदिर स्थित है : पेहोवा
  • एकमात्र पंचमुखी शिव की मूर्ति मिली : पेहोवा
  • राजा पृथु का संबंध है: पेहोवा से
  • माता पार्वती और भगवान शिव की इच्छा के अनुसार पूरे ब्रह्मांड की परिक्रमा करने के बाद भगवान कार्तिकेय ने अपनी त्वचा उतारकर माता पार्वती को दी : पेहोवा में
  • भगवान कार्तिकेय का मंदिर स्थित है : पेहोवा
  • माता सरस्वती का मंदिर स्थित है : पेहोवा
  • ऋषि विश्वामित्र को ब्रह्मर्षि का पद प्राप्त हुआ : पेहोवा में
  • प्रसिद्ध पृथुदक तीर्थ, पेहोवा की विशेषता है कि यहां पिछले 400 सालों से पिंडदान करने वाले परिवारों का रिकॉर्ड रखा जाता है
  • गोरिया मठ स्थित है : कुरुक्षेत्र (इसका सम्बन्ध चैतन्य महाप्रभु से है)
  • महाभारत युद्ध के बाद महाराज युधिष्ठिर द्वारा खुदाया हुआ कुआँ : चंद्रकूप
  • फिरोजशाह तुगलक ने अरबी विद्वान मौलाना अहमद को प्राश्रय दिया इनका संबंध थानेसर से था
  • भारत-पाकिस्तान विभाजन के समय 1947 में कुरुक्षेत्र नाम से कुरुक्षेत्र में एक शरणार्थी कैंप लगाया गया था
  • चीनी यात्री ह्वेनसांग के अनुसार थानेसर शहर में उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में राजा अशोक द्वारा निर्मित 100 फुट ऊंचे स्तूप का निर्माण करवाया गया था
  • मोहम्मद गजनवी ने थानेसर स्थित ऐतिहासिक चक्रपाणि मंदिर को तहस-नहस किया और भगवान चक्रपाणि की प्रतिमा को उखाड़कर गजनी भेज दिया
  •  सुल्तान इल्तुतमिश के समय कुरुक्षेत्र, पीपली इक्ते का भाग था
  • फिरोजशाह तुगलक की एक पत्नी जो हिंदू स्त्री थी उसका संबंध था : थानेसर से
  • शेरशाह सूरी ने थानेसर शहर में दो सराय का निर्माण करवाया
  • औरंगजेब के काल को कुरुक्षेत्र के लिए दुर्भाग्य का काल कहा जाता है औरंगजेब ने ब्रह्मसरोवर में स्नान करने पर रुपए 5 और जल ग्रहण करने पर रुपए 1 का शुल्क लगा दिया था
  • ब्रहमसरोवर के निकट तोपखाने का निर्माण करवाया था : औरंगजेब ने
  • अकबर के काल के समय थानेसर में सूफी संत शेख जलाल और चिश्ती संत हजरत जलालुद्दीन थे मराठों और अंग्रेजो के बीच अंजन गांव की संधि 1803 के समय लाडवा के सिख सरदार गुरदीप सिंह और थानेसर के सरदार बंगाल सिंह ने अंग्रेजों की अधिपत्य स्वीकार नहीं किया
  • क्लोनल सफेदा संवर्धन केंद्र स्थित है : संयोठी गांव
  • जवाहर नवोदय विद्यालय गांव निवारसी
  • हरियाणा सिंचाई अनुसंधान एवं प्रबंधन संस्थान: कुरुक्षेत्र (स्थापना – 1998)
  • राष्ट्रीय महिला हॉकी अकादमी : शाहबाद (स्थापना 2006)
  • पिपली चिड़ियाघर स्थापना 1982
  • मगरमच्छ प्रजनन केंद्र एवं मगरमच्छ बिहार बोर्ड : भौर सौदान कुरुक्षेत्र स्थापना 1982
  •  सांस्कृतिक संग्रहालय ( धरोहर संग्रहालय) स्थापना : 2006
  •  कुरुक्षेत्र पैनोरमा एवं साइंस सेंटर, कुरुक्षेत्र यहां 34 फीट ऊंचे चित्रों की सहायता से महाभारत युद्ध के सभी 18 दिन की कथा चित्रण किया जाता है : स्थापित अक्टूबर 1995
  • ऑल इंडिया रेडियो स्टेशन कुरुक्षेत्र 101.4 मेगा हर्ट्ज एफ. एम. ( स्थापना 24 जून 1991)
  • भगवानपुर, मिर्जापुर, दौलतपुर, फरल गाँव : सिंधु घाटी सभ्यता के प्रसिद्ध स्थल
  • रावण से संबंधित तीर्थ: कालेश्वर और सन्निहित तीर्थ
  • थानेसर के प्राचीन नाम स्थानीश्वर, थून, थूना,
  • भगवत पुराण की दो पांडुलिपि या रखी गई है : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में
  • कुरुक्षेत्र को धर्म क्षेत्र कहा गया : गीता में
  • विश्व का सबसे बड़ा हुक्का रखा है : कुरुक्षेत्र संग्राहलय में
  • वशिष्ठ ऋषि का आश्रम पर पेहोवा
  • यताति ऋषि का आश्रम : पेहोवा
  • शाहबाद चीनी मिल की स्थापना : 1984-85
  • चावल मील – कुरुक्षेत्र
  • पुरुषोत्तम बाग : कुरुक्षेत्र
  • प्रतिहार वंश कालीन क्षेत्र : पेहोवा [राजा महेंद्रपाल से सम्बन्धित] 
  • प्रतिवर्ष महावीर जयंती का आयोजन किया जाता है: कुरुक्षेत्र
  • अमीन गांव : अब नाम – अभिमन्युपुर [अर्जुन का पुत्र] यहां अदिति मंदिर भी है और यह गाँव पहले कुरुक्षेत्र में था अब करनाल जिले में है सांस्
  • शक्तिशाली वर्धन वंश काल का उदय हुआ : थानेसर [स्थापना : पुष्यभूति]
  • हर्षवर्धन काल : 606-647 [ जन्म 590]
  • फरल गाँव : पांडवों के वंशजो ने तप किया था
  • थानेसर में पाई जाने वाली मिट्टी डाबर
  • बाल्मीकि आश्रम में जीवित समाधि लेने वाले संत : बाबा लक्ष्मण गिरी
  • पुंडरीक सरोवर: इस सरोवर का पानी सतयुग से लेकर आज तक नहीं सुखा है
  • आर्य समाज की स्थापना : शाहबाद 1893, थानेसर: 1894, पुंडरीक : 1906
  • तिरुपतिबालाजी मंदिर : कुरुक्षेत्र [ चेन्नई के तिरुपति बालाजी मंदिर की तर्ज पर
  • पहला सत्कार भोजनालय स्थापित किया गया: कुरुक्षेत्र
  • मुरल स्टाइल पेंटिंग के लिए प्रसिद्ध स्थान : पेहोवा
  • तीसरा स्वच्छ शक्ति 2019 स्वच्छता अभियान की शुरुआत : कुरुक्षेत्र : 12 फरवरी 2019
  • अतुल्य भारत संस्कृति कुंभ मेला : कुरुक्षेत्र 5 से 9 मार्च
  • धनवंतरी पुरस्कार : डॉ बलदेव कुमार [श्री कृष्ण आयुष विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र के कुलपति] 
  • ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी बेसबॉल मेल चैंपियनशिप हुई : कुरुक्षेत्र में 27 मार्च 2019
  • श्री कमलेश्वर महादेव मंदिर एवं तीर्थ : कमोदा कुरुक्षेत्र [पांडव की शरण स्थली]
  • पहला राज्य स्तरीय सीख म्यूजियम बनेगा : कुरुक्षेत्र
  • सरकार ने सूर्यास्त के बाद भी शेख चिल्ली मकबरा कुरुक्षेत्र थानेसर को खोलने का निर्णय लिया
  • बहुउद्देशीय सांस्कृतिक कला केंद्र कला कीर्ति भवन स्थित है : कुरुक्षेत्र
  • सरोवर व ताल की नगरी कहा जाता है : बेरी [ सबसे ज्यादा सरोवर बेरी और प्रसिद्ध व बड़े सरोवर कुरुक्षेत्र]
  • एस्ट्रो पार्क स्थित है तारामंडल कुरुक्षेत्र

विश्वविद्यालय/संस्थान /केंद्र / अन्य संस्थाए :

  • कल्पना चावला तारामंडल
  • कुक्कुट रोग जांच प्रयोगशाला थानेसर
  • कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय : 1956 : राज्य की पहली यूनिवर्सिटी
  • श्री कृष्ण आयुष विश्वविद्यालय
  • नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी : 1963 : विश्वविद्यालय का दर्जा मिला 2002 : NIT
  • नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ डिजाइन : NID- उमरी
  • जनसंचार मीडिया संस्थान क्लोनल सफेदा संवर्धन केंद्र स्न्यौठी कला सा‍
  • जवाहर नवोदय विद्यालय : निवारसी गांव
  • महिला हॉकी अकादमी: शाहाबाद

संग्राहलय :

    • धरोहर संग्राहलय
    • सांस्कृतिक संग्राहलय
    • हस्तलिखित संग्राहलय
    • गुलजारीलाल नंदा संग्राहलय
    • थानेसर संग्राहलय
    • श्री कृष्ण संग्राहलय

गुरुद्वारे:

गुरुद्वारा प्रथम पातशाही (सिद्धि वटी साहिब) वैशाख अमावस्या को सूर्य ग्रहण के अवसर पर सिखों के प्रथम गुरु नानक देव जी 1558 ई. में कुरुक्षेत्र आए
गुरुद्वारा तीसरी पातशाही थानेसर गुरु अमरदास जी की याद में
गुरुद्वारा छठी पातशाही गुरु हरगोविंद जी के कुरुक्षेत्र आगमन से संबंधित है
गुरुद्वारा सातवीं पातशाही गुरुहरसहाय जी की कुरुक्षेत्र आगमन की याद में
गुरुद्वारा आठवीं पातशाही गुरु हरकिशन जी की याद में
गुरुद्वारा नौवीं पातशाही थानेसर : गुरु तेग बहादुर जी की याद में आगमन
गुरुद्वारा दसवीं पातशाही गुरु गोबिंद जी आगमन की याद में
गुरद्वारा मस्तगढ़, शाहबाद यहां मुगल बादशाह शाहजहाँ काल के समय 1630 में एक मस्जिद का निर्माण करवाया गया था जिसे बाद में गुरुद्वारे में बदल दिया गया
गुरुद्वारा राजघाट & गुरुद्वारा शाहिद अमरदास नोट : कुरुक्षेत्र ऐसी जगह है जहां सभी सिक्ख गुरु पधारे थे  ।

मेलें :

  • मारकंडा मेला
  • सूर्य ग्रहण मेला
  • पेहोवा मेला : यहाँ पिंड दान किए जाते हैं
  • बैसाखी मेला [13 अप्रैल]
  • काली कमली का मेला

टीलें:

  • हर्ष का टीला : थानेसर
  • कर्ण का टीला : मिर्जापुर
  • विश्वामित्र का टीला : पेहोवा
  • भगवानपुर का टीला : सिंधु सभ्यता
  • दौलतपुर टीला : सिंधु सभ्यता

पर्यटन:

  • सूफी संत शेख चली का मकबरा :- थानेसर  
  • हरियाणा का ताज महल [संगमरमर का बना हुआ ]
  • निर्माण : दारा शिकोह [ शाहजहाँ का बड़ा बेटा] (शेख चिली को अपना गुरु मानता था
  • हरियाणा के एकमात्र राष्ट्रीय स्मारक घोषित है
  • यहाँ लाल पत्थर की बनी एक पत्थर मस्जिद भी है।
  • यहां इसकी बेगम की दरगाह भी है

ब्रह्मसरोवर:

  • कुरुक्षेत्र की वास्तविक पहचान : ब्रह्मसरोवर
  • सर्वप्रथम निर्माण राजा कुरु ने करवाया
  • भगवान ब्रह्म से संबंधित [ वर्तमान स्वरूप गुलजारी लाल नंदा की दें है। मान्यता है कि यहां पर स्वयं ब्रह्माजी ने शिवलिंग की स्थापना की थी
  • हरियाणा में स्नान करने का सबसे बड़ा पक्का तालाब
  • तीनों लोकों का पुण्यदायक तीर्थ
  • यहां पर नवंबर दिसंबर के महीने में राज्य स्तरीय गीता जयंती समारोह का आयोजन किया जाता है
  • हरियाणा के किस स्थान को देश के 30 वर्ष आईकॉन में शामिल किया : ब्रह्मसरोवर

 ज्योतिसर सरोवर:

  • सरस्वती नदी के तट पर स्थित
  • पुनः निर्माण – जज लरकीन – 1850 में संसार
  • लंबाई x  चौड़ाई: 100 फीट  x  500 फीट  
  • यहां श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता उपदेश बरगद / वट / अक्षय वृक्ष के नीचे दिया था
  • इसके चारों ओर पक्का चबूतरा का निर्माण राजा दरभंगा ने 1924 में करवाया शंकराचार्य ने यहाँ कृष्ण-अर्जुन रथ का निर्माण 1967 में करवाया
  • यहाँ शंकराचार्य मंदिर भी हैं
  • जीर्णोद्वार – कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड द्वारा भारत माता मंदिर स्थित है : ज्योतिसर

श्री कृष्ण संग्रहालय

  • वर्ष 1987 में कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड द्वारा ब्रह्मसरोवर तीर्थ के निकट इसकी स्थापना की गई इसका उद्घाटन 28 जुलाई 1991 भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति आर. वेंकटरमन ने किया श्रीकृष्ण संग्रहालय का दूसरा खंड का निर्माण 1995 में
  • अंतिम खंड निर्माण तत्कालीन राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा पाटिल ने 8 फरवरी 2012 को राष्ट्र को समर्पित किया

गीता भवन

  • इसे कुरुक्षेत्र पुस्तकालय भी कहा जाता है
  • निर्माण : रीवा, मध्य प्रदेश के महाराज गुलाब सिंह में 1921 में बनवाया

नौगजा पीर दरगाह शाहबाद

  • नौगजा पीर का संबंध इराक से था
  • इनका असली नाम सैयद इब्राहिम बादशाह था
  • यहाँ इनकी समाधि और भगवान शिव का मंदिर दोनों एक स्थान है।
  • श्रद्धालु दरगाह पर घड़ी अर्पित करते हैं और मनोकामना मांगते हैं इस दरगाह का जीर्णोद्धार 1933-34 में एक अंग्रेज अधिकारी ने करवाया था

मंदिर/तीर्थ:

  • देवीकूप मंदिर : भद्रकाली मंदिर : माता भद्रकाली को समर्पित
  • हरियाणा का एकमात्र शक्तिपीठ [कुल 51 में से ]
  • माता खंडों में से यहां दायें घुटने के नीचे हिस्से का टुकड़ा यहाँ गिरा था युद्ध से पहले यहाँ अर्जुन ने पूजा की और मन्नत मांगी कि जीत के बाद 63 घोड़े मंदिर को अर्पित करेंगे
  • तब से यहां सोने चांदी के घोड़े चढ़ाए जाते हैं
  • यहां तक्षेश्वर महादेव मंदिर है।
  • मान्यता यह है कि श्री कृष्ण और बलराम का मुंडन यही हुआ था
  • रक्षा बंधन के दिन लोग माता को रक्षा सूत्र बांधते है
  • मां भद्रकाली यदुवंशियों की कुलदेवी है।
  • यहाँ चक्करताल / देवीताल सरोवर स्थित है

सन्निहित सरोवर:

  • कुरुक्षेत्र का प्राचीनतम सरोवर माना जाता है भगवान विष्णु का निवास स्थान माना जाता है
  • 7 नदियों का जल इस सरोवर को मिलता है।
  • इसमें अमावस्या व सूर्यग्रहण को स्नान करना पवित्र माना जाता है
  • रावण ने यहाँ भगवान शिव की पूजा की थी
  • महाभारत युद्ध के बाद पांडवों ने सभी दिवंगत जनों के पिंडदान का कार्य यही किया था यहाँ ध्रुव नारायण मंदिर तथा लक्ष्मी नारायण मंदिर स्थित है।
  • सन्निहित का अर्थ : इक्कठा होना या संचालित चल
  • स्थानेश्वर महादेव मंदिर : थानेसर
  • माना जाता है कि इस मंदिर के दर्शन बिना कुरुक्षेत्र के तीर्थों की यात्रा पूरी नहीं मानी जाती
  • निर्माण राजा पुष्यभूति योणी पुनर्निर्माण: सदाशिव मराठा
  • यहीं पर पांडवों ने भगवान शिव से युद्ध विजय के लिए प्रार्थना
  • स्थानेश्वर महादेव मंदिर : थानेसर
  • निर्माण करवाया : वर्धन वंश के राजा पुष्यभूति द्वारा
  • इस मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया : पेशवा सदाशिव भाऊ ने
  • स्थानेश्वर महादेव मंदिर को भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है।

बिड़ला मंदिर

  • स्थापना: जुगल किशोर बिरला जी ने 1955
  • मंदिर की दीवारों पर भगवत गीता के श्लोक लिखे इस मंदिर को श्रीमद भगवत गीता मंदिर भी कहा जाता है हुए हैं

मारकंडेश्वर महादेव मंदिर :

  • गुमटी गांव [भगवन शिव ने मृत्यु के देवता को यहाँ परास्त किया था ]

कालेश्वर तीर्थ :

  • भगवन शिव के ग्यारह रुद्रों में से और मान्यता है यहाँ रावण ने भगवन रुद्र की स्थापना की व पूजा -अर्चना की थी

प्राची तीर्थ :

  • मान्यता है तीन रात यहां रहकर व्रत करने से पाप दूर होते हैं
  • पूरे भारत में केवल यहीं पर सरस्वती नदी पूर्व दिशा की ओर बहती है इसलिए इसका नाम प्राची तीर्थ पड़ा
  • इस तीर्थ का संबंध ब्रहम ऋषि वशिष्ठ से है

लक्ष्मी नारायण मंदिर : कुरुक्षेत्र

  • निर्माण करवाया : बाबा शिव गिरी महाराज ने
  • पूर्वमुखी हनुमान मंदिर :- ब्रह्म सरोवर

सर्वेश्वर महादेव मंदिर : ब्रह्मसरोवर कुरुक्षेत्र

  • मंदिर का निर्माण बाबा श्रवणनाथ से करवाया
  • प्रबंधन निर्वाणी अखाड़ा के अधीन है।

स्थानेश्वर महादेव मंदिर : थानेसर [पुष्यभूति द्वारा स्थापित

  • मारकंडेश्वर महादेव मंदिर : शाहाबाद
  • मान्यता है कि यहां पर भगवान शिव ने यमराज से महर्षि मारकंडेश्वर के प्राणों की रक्षा की थी
  • मारकंडेश्वर नदी के तट पर मारकंडेश्वर आश्रम और मारकंडेश्वर महादेव मंदिर बना हुआ है

पशुपतिनाथ महादेव मंदिर :- पेहवा

  • भगवान शिव को समर्पित
  • इस मंदिर की खासियत यह है कि यहां कोई शिवलिंग नहीं है
  • केवल इसी पशुपतिनाथ मंदिर में ही स्थापित है

श्री शनिधाम :

  • यहाँ नवग्रहों की स्थापना की गई है

काली कमली का डेरा :

  • स्वामी विशुद्धानंद द्वारा स्थापित
  • यहाँ भगवान शिव, कृष्ण, अर्जुन की मुर्तिया स्थापित है
  • इसमें भगवान शिव की पंचमुखी प्रतिमा स्थापित है जो पूरे राज्य में भगवान शिव की पंचमुखी प्रतिमा
  • मान्यता है तीन रात यहां रहकर व्रत करने से पाप दूर होते हैं

अनवरक / नरकातारी तीर्थ:

थानेसर (बाणगंगा [ भीष्म] कुंड}

  • महाभारत युद्ध के दौरान शरशैय्या पर लेटे भीष्म पितामह की प्यास बुझाने के लिए अर्जुन ने अपने बाण  से धरती से जलधारा प्रकट की तथा भीष्म पितामह की प्यास बुझाई
  • यहां भगवान हनुमान जी की 26 फुट ऊंची प्रतिमा स्थापित है।
  • यहां सीता-राम, दुर्गा मंदिर है।
  • यहाँ ब्रह्मा, विष्णु और महेश की पत्नी सरस्वती, लक्ष्मी और पार्वती के मंदिर है

कमलानाथ तीर्थ :

  • मान्यता यह है कि हम ब्रहमदेव प्रकट हुए थे

कमोधा तीर्थ :

  • यह तीर्थ काम्यक वन में है इसे पांडवों का निवास स्थल या वन भी कहते है
  • कामेश्वर महादेव का इंटों से बना मंदिर व मठ
  • यहाँ द्रौपदी के खाने का भंडार ग्रह भी स्थित है।
  • कुबेर तीर्थ कुरुक्षेत्र [यह मान्यता है कि यज्ञपति कुबेर ने यज्ञ का आयोजन किया था।

कालेश्वर तीर्थ

  • यह तीर्थ रामायण कालीन है
  • रामायण काल में लंकापति रावण ने स्थान पर भगवान रुद्र की स्थापना की थी (11 रुद्र में से एक रूद्र)

चन्द्रकूप : निर्माण- युधिष्ठिर 

नारायण मंदिर 

श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर 

आपंगा तीर्थ 

दुर्गा देवी मंदिर 

पीपली कार्तिकेय मंदिर 

दधिची का आश्रम

अदिति मंदिर


  • छिलछला वन्य जीव अभ्यारण : हरियाणा का सबसे छोटा पक्षी अभ्यारण : 29 वर्ग किलोमीटर
  • मगरमच्छ प्रजनन केंद्र : भौर सौदान
  • ब्लैकबक प्रजनन केंद्र : पिपली
  • नीलकंठ कृष्ण धाम- पर्यटन केंद्र मिनी चिड़ियाघर : पिपली

 

HSSC CET ADMIT CARD जिला परिचय : सिरसा | हरियाणा GK जिला परिचय : हिसार