हरियाणा का इतिहास

हरियाणा की विभिन्न सभ्यता: सीसवाल एवं हाकड़ा सभ्यता

सीसवाल संस्कृति हरियाणा के हिसार जिले के सीसवाल नामक स्थान पर सर्वप्रथम खुदाई होने के कारण इसे सीसवाल सभ्यता नाम दिया गया है। पुरातत्त्ववेत्ताओं का मानना है कि लगभग 2500 ई. पू. में राजस्थान की ओर से कुछ कृषक लोग दृष्वती नदी घाटी में आकर बस गए तथा वहाँ कृषि कार्य करने लगे, जिस कारण …

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महाभारत काल के बाद गणतंत्रीय व्यवस्था का उदय

महाभारत काल के बाद गणतंत्रीय व्यवस्था का उदय महाभारत काल के पश्चात् राज्य में पाण्डव सत्ता कमजोर हो गई तथा जनता ने गणतान्त्रिक व्यवस्था स्थापित की। सम्भवतः इस गणतन्त्रीय राज्य का नेता चन्द्रगुप्त था। चन्द्रगुप्त अपने पराक्रम से नेपोलियन की तरह राजतन्त्रीय शासक बन गया और वर्तमान के हरियाणा सहित पंजाब एवं अन्य क्षेत्रों को …

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सल्तनत काल में मेवातियों के विद्रोह

सल्तनत काल में मेवातियों के विद्रोह आधुनिक हरियाणा के फरीदाबाद, गुडगांवा, महेंद्रगढ़ और राजस्थान का अलवर जिलों को मेवात क्षेत्र कहा जाता है। इस क्षेत्र में रहने वाले लोग मेवाती कहलाते हैं।    दिल्ली के सल्तानों के समय में इन लोगों ने समय-समय पर प्रशासन की ज्यादतियों के खिलाफ विद्रोह किया और दिल्ली के सुल्तानों की …

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हरियाणा एवं मुगल साम्राज्य

हरियाणा एवं मुगल साम्राज्य मुगल साम्राज्य (1526-1707 ई.) मुगल वंश की स्थापना बाबर द्वारा की गई थी। वह मध्य एशिया के फरगना का निवासी था। बाबर ने 1526 ई. में हरियाणा पर आक्रमण किया था। इस आक्रमण के समय हिसार – फिरोजा के शिकदार हमीद खाँ ने भी बाबर की सेनाओं का सामना किया, किन्तु …

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मुगलकाल एवं प्रमुख विद्रोह

मुगलकाल एवं प्रमुख विद्रोह सतनामियों का विद्रोह 1672 ई. में फौजदार ताहिर खाँ तथा उसकी सेना को सतनामियों ने हरा दिया। इसके पश्चात् अहिरवाल क्षेत्र के नारनौल पर सतनामियों द्वारा अधिकार कर लिया गया। इनके द्वारा सारे नारनौल नगर से मुगल शासन के चिह्न मिटा दिए गए।  औरंगजेब ने 15 मार्च, 1672 को एक विशाल …

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सल्तनत काल में हरियाणा

सल्तनत काल में हरियाणा सल्तनत काल 1206 ई. में मोहम्मद गोरी की मृत्यु के बाद उसके गुलाम कुतुबुद्दीन ऐबक ने भारत में गुलाम वंश या दास वंश की नींव रखी। 1526 ई. तक दिल्ली पर तुर्कों और अफगानों का आधिपत्य रहा। भारतीय इतिहास में इस काल को सल्तनत काल कहा जाता है। दिल्ली सल्तनत में …

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आरम्भिक मुस्लिम आक्रमण

आरम्भिक मुस्लिम आक्रमण आरम्भिक मुस्लिम आक्रमण इन आक्रमणों की शुरुआत 1001 ई. में महमूद गजनवी के आक्रमण से हुई। उसने 1001 ई. से 1027 ई. तक 17 बार भारत पर आक्रमण किया। भारत के हरियाणा क्षेत्र (दिल्ली, हाँसी सहित) पर महमूद गजनवी आक्रमण के पश्चात् तोमरों को हराकर चौहानों ने अपनी सत्ता कायम की। वह …

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तराईन की लड़ाईयां

तराईन की लड़ाईयां तराईन की लड़ाईयां: अफगानिस्तान में महमूद के उत्तराधिकारी कमजोर तथा अयोग्य साबित हुए इस स्थिति का लाभ उठा कर कई सुबेदार स्वतंत्र हो गए।  इनमें गौर प्रदेश का सुबेदार भी शामिल है। भारत में भी हांसी, थानेसर, सिंध आदि पर दिल्ली के हिंदू राजाओं का कब्जा हो गया।  इतने में 1173 ई० …

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ईस्ट इण्डिया कम्पनी के विरुद्ध प्रमुख विद्रोह

ईस्ट इण्डिया कम्पनी के विरुद्ध प्रमुख विद्रोह | Major revolt against the East India Company वर्ष  विद्रोह नेतृत्वकर्ता 1814 जीन्द का विद्रोह प्रताप सिंह 1818 छछरौली का विद्रोह जोधा सिंह 1818 रानियां का विद्रोह जाबित खाँ 1824 किसान विद्रोह सूरजमल 1835 बनावली विद्रोह गुलाब सिंह 1843 कैथल विद्रोह गुलाब सिंह, साहिब कौर 1845 लाडवा का …

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हरियाणा का उदय

हरियाणा का उदय पृथक् राज्य की माँग ब्रिटिश सरकार ने 1857 के विद्रोह के बाद 1858 ई. में हरियाणा राज्य का अधिकांश भाग पंजाब प्रान्त में शामिल कर दिया। पृथक् हरियाणा राज्य के लिए वर्ष 1907 से माँग प्रारम्भ हो गई थी। इस माँग का भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन के प्रमुख नेता लाला लाजपत राय व …

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HSSC CET ADMIT CARD जिला परिचय : सिरसा | हरियाणा GK जिला परिचय : हिसार