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आपदा प्रबंधन | हरियाणा CET | Disaster Management

आपदा की अवधारणा:

आपदा का अर्थ

“आपदा’ शब्द का मूल फ्रेंच शब्द “डिसआस्टर (Desastre )” से संबंधित है। ये फ्रेंच शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है “डिस (Des) यानि बुरा (Bad) और “अस्तर (Astre)” यानी “स्टार (Star)” है। 

प्राचीन समय में आपदाओं का कारण प्रतिकूल ग्रहों को माना जाता था। आज के समय में, “आपदा” का सामान्यतः प्रयोग प्राकृतिक और मानव निर्मित उन विषम घटनाओं के संबंध में किया जाता है, जो किसी क्षेत्र में अत्यधिक कष्ट पैदा करती है तथा जिनका क्षेत्रीय संसाधनों के द्वारा निस्तारण करना कठिन हो जाता है।

आपदा की परिभाषा:

आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के अनुसार, “आपदा का अर्थ किसी क्षेत्र में मानव निर्मित या प्राकृतिक कारणों से उत्पन्न हुयी ‘तबाही, दुर्घटना, या लापरवाही से है, ये कारण मानव जीवन की हानि से संबंधित नुकसान, पर्यावरण और प्राकृतिक नुकसान, को जन्म देते हैं। जिन क्षेत्र में मानव निर्मित या प्राकृतिक दुर्घटनाएं ऐसी प्रवृत्ति की या विशाल होती हैं वहां के संसाधनों द्वारा उन्हें रोकने की क्षमता सीमित होती है । 

अन्तर्राष्ट्रीय रेड क्रास समाज तथा रेड क्रिसन्ट में “आपदा की और वृहत परिभाषा दी है। अन्तर्राष्ट्रीय रेड क्रास समाज के अनुसार, “आपदा अचानक घटित हुयी एक ऐसी घटना है, जो गंभीर तौर पर समाज और समुदाय की कार्यप्रणाली को नुकसान पहुंचाती हैं और सामाजिक, आर्थिक, पर्यावरणीय क्षति का कारण बनती है, ये घटनाएं सामाजिक और समुदाय की संसाधनों को प्रयोग करने की क्षमता के परे होती हैं। 

आपदा तब घटित होती है जब विपदा संवेदनशील लोगों को प्रभावित करती है’ (UNISDR, 2009)

आपदाओं के प्रकार:

उच्च स्तरीय कमेटी रिपोर्ट (2001), के अनुसार आपदाओं को दो मुख्य वर्गों में और उपवर्गों में वर्गीकृत किया जा सकता है। आपदाओं के वर्गीकरण का अल्पकालीन निम्नलिखित है:

जल और जलवायु संबंधित आपदाएं :

  • बाढ़ (Floods)
  • चक्रवात (Cyclones)
  • बवंडर और तूफान (Tornadoes and Hurricane)
  • ओला वृष्टि (Hailstorm)
  • बादल फटना (Cloud Burst)
  • ऊष्म लहर एवं शीत लहर (Heat wave and Cold Wave) NIVE
  • सूखा (Droughts )
  • हिमस्खलन (Snow Avalanche)
  • समुद्री कटाव (Sea Erosion)
  • गर्जन एवं आकाशीय बिजली (Thunder and Lightening)
  • सुनामी (Tsunami)

भौगोलिक संबंधी आपदाएं:

  • भूस्खलन एवं कीचड़ घसना (Landslides and Mudflows)
  • भूकम्प (Earthquakes)
  • बांध फटना या टूटना (Dam Failures / Dam Bursts)

रासायनिक औद्योगिक एवं परमाणनिक आपदाएं:

  • रासायनिक व औद्योगिक आपदाएं (Chemical and Industrial Disasters)
  • परमाणनिक आपदाए (Nuclear Disasters )

दुर्घटना संबंधित आपदाएं :

  • दावानल (Forest Fires )
  • शहरी आग (Urban Fires )
  • खदान में आग (Mine Fires )
  • तेल रिसाव (Oil Spills)
  • बड़ी इमारतों का ढहना (Major Building Collapse)
  • क्रमवार बम विस्फोट (Serial Bomb Blasts)
  • पर्व संबंधित आपदाएं (Festival Related Disasters) विद्युत संबंधित आपदाएं एवं आग (Electrical and Disasters Fires)
  • नाव पलटना या नौका डूबना (Boat Capsizing)

ग्रामीण क्षेत्रों में आग (Village Fires ) जैविक आपदाएं :

  • जैविक खतरे (Biological Hazards)
  • महामारी (Epidemics)
  • कीटों का हमला (Pest Attacks )
  • मवेशी महामारी (Cattle Epidemics)
  • विशाक्त भोजन (Food Poisoning)

आपदा एवं संबंधित विभाग:

 

आपदा / संकट की श्रेणी नोडल मंत्रालय
विमान दुर्घटना नागर विमानन मंत्रालय
जन – असन्तोष / संघर्ष गृह मंत्रालय
अनिवार्य सेवाओं का भंग होना, जिससे व्यापक स्तर पर समस्याएं उठ सकती हैं संबंधित मंत्रालय
रेल- दुर्घटना रेलवे मंत्रालय
रासायनिक आपदाएं पर्यावरण मंत्रालय
जैविक आपदा स्वास्थ्य मंत्रालय
देश के भीतर या बाहर नाभिकीय दुर्घटना, जिससे भारत की जनता के स्वास्थ्य का खतरा हो या कोई अन्य ख़तरा हो; परमाणु ऊर्जा मंत्रालय

 

प्राकृतिक आपदा न्यूनीकरण का अंतर्राष्ट्रीय दशक

योकोहामा रणनीति तथा सुरक्षित संसार के लिए कार्य योजना संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देश तथा अन्य देशों की एक बैठक ‘प्राकृतिक आपदा न्यूनीकरण’ विश्व कांफ्रेंस 23 से 27 मई 1994 को योकोहामा नगर में हुई।

इस बैठक में यह स्वीकार किया गया कि पिछले कुछ वर्षों में प्राकृतिक आपदाओं के कारण मानव जीवन तथा आर्थिक क्षति अधिक हुई है तथा समाज, सामान्यतः प्राकृतिक आपदाओं के लिए सुभेद्य हो गया है।

यह भी स्वीकार किया गया कि ये आपदाएँ विशेषतः विकासशील देशों के गरीबों एवं साधनहीन समुदायों को अधिक प्रभावित करती हैं क्योंकि ये देश इनका मुकाबला करने के लिए तैयार नहीं हैं।

इसलिए इस बैठक में एक दशक तथा उसके बाद भी इन आपदाओं से होने वाली क्षति को कम करने की रणनीति यॉकोहामा रणनीति के नाम से अपनाई गई।

विश्व बैठक में प्राकृतिक आपदा न्यूनीकरण के लिए पारित प्रस्ताव निम्नलिखित हैं:-

  • यह दर्ज होगा कि हर देश की प्रमुख ज़िम्मेदारी है कि वे प्राकृतिक आपदा से अपने नागरिकों की रक्षा करे। 
  • यह विकासशील देशों, विशेष रूप से, सबसे कम विकसित एवं चारों ओर से भू-बृद्ध देशों तथा छोटे द्वीपीय विकासशील देशों पर आग्रतापूर्वक ध्यान देगा।
  • जहाँ भी ठीक समझा जायेगा, वहाँ आपदा से बचाव, निवारण एवं तैयारी के लिए राष्ट्रीय स्तर पर कानून बना कर क्षमता एवं सामर्थ्य का विकास करेगा तथा इस कार्य में स्वैच्छिक संगठनों तथा स्थानीय समुदायों को संगठित किया जाना चाहिए।
  • यह उप-क्षेत्रीय, क्षेत्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय सहयोग द्वारा उन कार्यों को बढ़ावा तथा मजबूती देगा जिनसे प्राकृतिक तथा दूसरी आपदाओं को रोका अथवा कम किया जा सके या उसका निवारण किया जा सके। 

इस प्रक्रिया में निम्नलिखित पर विशेष बल दिया जाएगा-

  • मानव तथा संस्थागत क्षमता निर्माण तथा सशक्तिकरण;
  • तकनीकों में भागीदारी: सूचना का एकत्रण, प्रकीर्णन (dissemination) तथा उपयोग और;
  • संसाधनों का संग्रह करना ।

1999-2000 को आपदा न्यूनीकरण का अंतर्राष्ट्रीय दशक भी घोषित किया गया।

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