सिक्के, मोहरें और मूर्तियाँ
विषय सूची
पुरातात्विक स्रोतः
हरियाणा क्षेत्र पुरातात्विक सामग्री के संबंध में बहुत की समृद्ध है। कुछ स्थानों पर पुरातात्विक उत्खनन भी हुए हैं जिनमें मिताथल, सुध, धौलपुर, भगवानपुरा, राजा कर्ण का किला, बालू, सीसवाल, अग्रोहा, बनावली, राखीगढ़ी आदि सम्मिलित है। इन स्थानों की खुदाई के दौरान मिलने वाले सामग्री में मुख्यत: सिक्के, मोहरें, मूर्तियाँ, चूड़ियाँ आदि हैं :-
हरियाणा के इतिहास से जुड़े सिक्के:
हरियाणा प्रदेश के विभिन्न इलाकों से हमें सिक्के तथा सिक्के ढालने के सांचे मिले हैं। ये सभी हरियाणा के राजनैतिक, सामाजिक व आर्थिक इतिहास के महत्वपूर्ण स्रोत हैं।
- हरियाणा में सबसे पहले पंच–मार्क सिक्के मिले हैं।
- पंचमार्क सिक्कों के बाद अगाध व यौधेय गणराज्यों के सिक्के प्राप्त हुए हैं। खोखराकोट (रोहतक) से यौधेयो के सिक्के बनाने के सैंकड़ों साचों की भी प्राप्ति हुई है इससे यह ज्ञात होता है कि यह स्थल संभवत यौधेयो की राजधानी थी जहां पर टकसाल यानी सिक्के ढलाई का काम भी किया जाता था।
- इंडो ग्रीक शाशकों के सिक्के: हरियाणा के विभिन्न पुरास्थलों से जितने भी इंडो ग्रीक सिक्के पाए गए थे। इनमें से लगभग आधे खोखराकोट पर पाए गए हैं। इन शासकों के सिक्कों की अधिक संख्या में प्राप्ति से ज्ञात होता है कि इन्होंने इस क्षेत्र पर आक्रमण किया था।
- कुषाणों के सिक्के: मिताथल से प्राप्त 27 स्वर्ण सिक्कों को छोड़कर हरियाणा से प्राप्त कुषाण शासकों के सभी सिक्के तांबे के हैं। हुविष्क तथा कनिष्क-1 के सिक्कों के सांचे खाखराकोट तथा नौरंगाबाद से प्राप्त हुए हैं। इनसे ज्ञात होता है कि कुषाणों ने इस प्रदेश पर राज किया था।
- इन सबके अलावा गुप्त शासकों में केवल समुद्रगुप्त के ही सिक्के केवल जगाधरी तथा मीताथल से प्राप्त हुए हैं।
- पुष्यभूतियों के अभी तक हरियाणा में कोई सिक्का नहीं प्राप्त हुआ है।
- प्रतिहार शासकों में भोजदेव व विग्रहपाल के सिक्के खोखराकोट से मिले हैं।
- कुछ बुड़िया व जगाधरी के आसपास से तोमरों और चौहानों के सिक्के मिले हैं।
- अत: इनके आधार पर हम कह सकते हैं कि इन सभी ने कभी न कभी इस प्रदेश पर शासन किया था।
- हरियाणा के इस काल में जो भी मुगल एवं सल्तनतकालीन सिक्के मिले हैं, वे वहीं हैं जो अन्य स्थानों पर मिलते हैं। इसलिए इन सिक्कों से कोई विशेष जानकारी प्राप्त नहीं होती।
- रेवाड़ी राज्य के गोकुलशाही सिक्के, हेमू के सिक्के या जार्ज टामस के सिक्के जिनका पुस्तकों में उल्लेख तो मिलता है लेकिन वे अभी तक प्राप्त नहीं हुए हैं।
हरियाणा के इतिहास से जुडी मोहरे:
- हरियाणा के खोखराकोट, नौरंगाबाद सुग तथा दौलपुर आदि स्थानों से अनेक मोहरें मिली हैं। इन मोहरों में अलग अलग भाषाओं में कुछ न कुछ लिखा हुआ है। इनमें हमें राजनैतिक व सांस्कृतिक इतिहास की महत्वपूर्ण जानकारी मिलती है।
हरियाणा के इतिहास से जुड़ी मूर्तियां:
- मूर्तियां इतिहास निर्माण में काफी योगदान देती है। मूर्तियों के अध्ययन से तत्कालीन समाज के धार्मिक, आर्थिक तथा सांस्कृतिक जीवन का पता चलता है। हरियाणा से प्राप्त मूर्तियां अधिकतर धार्मिक संप्रदायों से संबंधित है।
- हरियाणा में ज्यादातर मूर्तियां ब्राह्मण धर्म से संबंधित हैं, जिनमें विष्णु तथा उसके विभिन्न अवतार, शिव-पार्वती, एक मुखी लिंग, गणेश, महिषासुर मर्दिनि आदि की मूर्तियां प्रमुख हैं।
- इनके अतिरिक्त जैन धर्म से संबंधित भी अनेक मूर्तियां हरियाणा के विभिन्न स्थलों से प्राप्त हुई है। इनसें पता चलता है कि प्राचीन हरियाणा में इन दोनों धर्मो का प्रभाव रहा है।
- बौद्ध मूर्तियों का न पाया जाना इस बात को दर्शाता है कि बौद्ध धर्म का प्रभाव हरियाणा क्षेत्र में कभी नहीं रहा।
संक्षेप में :
Sr. No. | अवशेष | प्राप्ति का स्थान |
1. | शेष सैय्या पर विष्णु की मूर्ति | फाजिलपुर (सोनीपत ) |
2. | कुषाण कालीन ताम्बे, सोने के सिक्के,समुद्र-गुप्तकालीन सिक्के | मिताथल (भिवानी ) |
3. | इंडो-ग्रीक सिक्के | खोखराकोट (रोहतक) |
4. | जैन मूर्तियां | हांसी एवं रानिला |
5. | यौधेय गणराज्य की मोहरें | नौरंगाबाद (भिवानी ) |
6. | हर्षकालीन ताम्र मुद्राएं | सोनीपत |
7. | मिट्टी की मोहरें | दौलतपुर |
8. | यक्ष-यक्षिणी की मूर्तियाँ | पलवल, हथीन |
9. | कुणाल शैली का द्वार स्तम्भ | रोहतक |
10. | सिक्के ढालने के साँचे | खोखराकोट, बोहर माजरा और औरंगाबाद |
11. | हड़प्पा कालीन सभ्यता के अवशेष | भिवानी |
12. | मौर्यकालीन स्तूप व अवशेष | हिसार व फतेहाबाद |
13. | टकसालें | बोहर माजरा, अग्रोहा व बरवाला |
14. | योधेय कालीन साँचें | खोखराकोट (रोहतक ) |
15. | गुप्त काल की सूर्य देव की मूर्ति | अग्रोहा |
16. | महात्मा बुद्ध की दो मूर्तियाँ | नौरंगाबाद (भिवानी) |
17. | सूर्य स्तम्भ पर बनी मूर्ति | अभिमन्युपुर (थानेसर) |
18. | पंचमुखी शिव की प्रतिमा | पेहोवा |
19. | लाल पत्थर से निर्मित शिव की प्रतिमा | हरनौल (गुरुग्राम) |
20. | कुणींद कालीन सिक्के | करनाल,जगाधरी |
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